Saturday 30 July 2011

Ghazal

रगों में बहेता लहू तेरा मगर उसकी रवानी हम है,
मान ना मान तेरे अधूरे प्यार की कहानी हम है.

चार पल आके चली जाएगी जिंदगी को जिंदा कर जाएगी,
तेरे लिए जिंदगी को वो सबसे हसीं जवानी हम है.

तुझे उसपे गुस्सा आयेगा पर हम करेंगे तो प्यार,
तुजमे वो प्यार जगाने वाली छेड़खानी हम है.

अपना सब कुछ लूटा के छोड़ देंगे आपको अपने रस्ते,
आपकी ख़ुशी के खातिर की गयी वो मेहेरबानी हम है.

जिसे छह के भी निकाल ना पाओगे अपनी रूह से,
अपने हाथों में सजी वो अंगूठी पुराणी हम है.

जिसके वापस आने का पल पल रहेगा आपको इंतज़ार,
प्यार से भरी, प्यार में ही डूबी हुई वो रुतु सुहानी हम है.

© D!sha. :)